Tuesday, June 28, 2011

मीडिया पर हमले होते क्यों है के बारे मीडिया आत्मचिंतन क्यों नहीं करता ? जाहिर है घमंडी/बेशर्म मीडिया सुधरना नही चाहता....

सिरसा 28 जून 2011.
1.) दो मीडिया लोगों पर दो पुलिस के लोगों ने जैसा आरोप लगाया जा रहा है हमला किया को "
मीडिया व लोकतंत्र " पर हमला कह कर ढोल पीटा जा रहा है. वास्तव में यह मीडिया के उस घिनौने रूप जिसे मीडिया के लोग स्वयं मानते है कि मीडिया बिका हुआ, दलाल, भ्रष्ट, घमंडी, बड़बोला, बेशर्म, मोटी रकम लेकर मनचाहा प्रचार/प्रसारण करने वाले पर हमला है के लिए मीडिया स्वयं जुम्मेदार है. यह अलग बात है कि डरी हुई सरकार ने मीडिया के नाटक को महत्त्व दिया. यह उस मीडिया पर हमला है जिस पर ईसाई मिशनरी से 64 करोड़ रूपये लेकर संत श्री आसाराम जी बापू को बदनाम करने का घिनौना आरोप लग चुका है.
2.) मीडिया पर हमले होते क्यों है के बारे मीडिया आत्मचिंतन क्यों नहीं करता ? जाहिर है घमंडी/बेशर्म मीडिया सुधरना नही चाहता.
3.) देश के गृहमंत्री का कहना "
मेरे सहित जो मंत्री 60 से अधिक के हैं को पद त्याग देना चाहिए." प्रशंसनीय है. लेकिन स्वयं गृहमंत्री अपनी बात का आदर नहीं कर रहे को क्या कहा जाए ? 

सिरसा 27 जून 2011.
1.) दो लोगों के 2 पत्रकारों पर हमले में कांग्रेस C.M. मायावती का हाथ मान रही है. 4 जून को सोए हुए हज़ारों महिलाएं, बच्चे व बुजुर्गों पर पुलिस के हजारों लोगों के हमले में किसका हाथ है कांग्रेस देश को क्यों नहीं बता रही ?
2.) श्री विजय चोपड़ा जी, 25 जून के लेख में आपने लिखा कि " अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत 115 से घट कर 110 डॉलर हुई लेकिन आज आपके अखबार ने हरियाणा C.M. के बयान जिसमे कहा गया कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के बढे दामों से मजबूर होकर केंद्र को कीमतें बढानी पड़ी. हरियाणा C.M. के दावे को सही साबित करने हेतु आपके अखबार ने आपके लेख को किस मज़बूरी आधीन गलत साबित किया ?
3.) ख़बर में मिट्टी तेल में दी गई रियायत छापी गई लेकिन LPG व डीजल रियायत बारे अखबार चुप क्यों है बताया जाए.
4.) अगर अखबार का दायित्व देश को सही ख़बरों से अवगत करवाना है तो दायित्व निभाया क्यों नही जा रहा ?    
 
सिरसा 26 जून
 2011.
माननीय , 
              1.) श्री हरिशंकर व्यास जी.
              2.) श्री वीरेंद्र कपूर जी,
1.) आज आपके उत्तम देश व समाज हितैषी पवित्र विचारों वाले लेख जिसमे आपने संवेदनहीन सरकार व चाटुकार लोगों पर करार प्रहार किया पढ़े. जिनकी प्रशंसा शब्दों में नहीं की जा सकती . 
2.) हमारी प्रभु चरणों में प्रार्थना है कि आपके शारीरिक बल, मनोबल, व देश हितैषी पवित्र उत्तम सोच में कभी कोई कमी ना आए तथा आपको " बुद्धियोग " जैसा भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है की प्राप्ति हो. 
3.) चार 
जून को सोए हुए हजारों लोग जिनमे बच्चे, महिलाए व बुजुर्ग थे को केंद्र सरकार की पुलिस ने न सिर्फ बर्बरता से पीटा बल्कि जिसे बाद में " सबक सिखाया गया " कह कर लोकतंत्र का मजाक उड़ाया गया. अब ऐसी ही करवाई की धमकी भ्रष्टाचार विरोधी आदरणीय श्री अन्ना को दी गई. फिर भी कोई कांग्रेस नेता दिग्विजय को " कांग्रेस का सदैव अहिंसा में विशवास रहा है. " कहने में लज्जा नही आ रही.  
                                                                        

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