Sunday, June 12, 2011

सरकार अलगाववादी से तो बात कर सकती है


 4 जून की घटना ने अपने आप तानाशाह गद्दाफी का बिना मांगे समर्थन कर दिया. अब सरकार को देश विदेश में बहुत कुछ सहन करना पड़ सकता है. कितनी अजीब बात है " सरकार अलगाववादी व माओवादियों " से तो बात कर सकती है लेकिन देशहित में कालाधन व भ्रष्टाचार के विरोध में अनशन करने वालों से नहीं. फिर भी दुहाई लोकतंत्र की ही दी जा रही है.

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