Wednesday, September 28, 2011

देश को बताया जाए कि इस पत्र के बारे RTI कार्यकर्ता को किसने जानकारी दी कि पत्र के रूप में PMO में एक घोटाला पड़ा है जानकारी मांगो व धमका कर


सिरसा 28 सितम्बर 2011.
अजीब विडंबना है कि देश के कानून मंत्री कह रहे हैं कि वित्त मंत्रालय से PMO को भेजा गया पत्र बड़ा मुद्दा नहीं है क्योंकि इसे कनिष्ठ अधिकारियों ने भेजा था. लेकिन देश जानना चाहता है कि पत्र भेजने का वास्तविक कारण क्या था ? क्या कनिष्ठ अधिकारियों को खुली छुट है कि वो जब चाहें जो चाहें लिखें और PMO को "इसे वित्त मंत्री जी ने देख लिया है" भेज दे. देश जानना चाहता  है कि सब कनिष्ठ ही सब करते है तो वरिष्ठों का बोझ देश पर क्यों ? अगर दोष अधिकारियों का है तो उनके विरुद्ध कारवाई क्यों नहीं की गई ? विचित्र बात तो यह है कि पत्र 3 साल बाद क्यों लिखा गया ? PMO इस पत्र पर क्यों 6 महीने चुप रहा ? यही नहीं देश को बताया जाए कि इस पत्र के बारे RTI कार्यकर्ता को किसने जानकारी दी कि पत्र के रूप में PMO में एक घोटाला पड़ा है जानकारी मांगो व धमका कर दो. वास्तव में यह मामला अकेले गृह मंत्री के बजाए सामूहिक जिम्मेदारी का है. 
सिरसा 26 सितम्बर 2011.
काले धन पर SIT गठन बारे में जजों के वैचारिक मतभेद से अपने आप ही सरकार को वह मिल गया जो सरकार चाहती थी. तथा देश अपने आप ही उस लाभ से वंचित रह गया जिस लाभ की उसे उम्मीद थी.
सिरसा 24 सितम्बर 2011.
BJP के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व CM हिमाचल प्रदेश श्री शांता कुमार जी के विचार की राजनीति छोड़ कर भ्रष्टाचार के विरुद्ध आन्दोलन हेतु टीम अन्ना में शामिल हो जाना अति उत्तम, पवित्र व समाज देश हितैषी है. जिनकी जितनी तारीफ़ की जाए कम है. इन पवित्र विचारों को तुरन्त समय खोए बिना अपने जीवन में लागू कर लेना चाहिए. आज देश/समाज को शांताकुमार जी जैसे महापुरुषों की जरुरत है.
सिरसा 23 सितम्बर 2011.
2G घोटाले में गृह मंत्री P. चिदम्बरम का नाम आने से इतना तो सशक्त रूप से प्रमाणित हो गया कि "प्रकृति" की चक्की चलती तो धीरे है लेकिन पीसती महीन है. देखते हैं अब गृह मंत्री के बाद किस मगरमच्छ का नम्बर आता है.
सिरसा 22 सितम्बर 2011.
1.) 2G मामले में कांग्रेस व सरकार गृह मंत्री को ठीक A राजा की तरह बचने की कोशिश कर रही है. लेकिन जो हुआ देश दुनिया के सामने है.
2.) विचित्र विडम्बना है कांग्रेस व सरकार प्रथम दृष्टि में में दूध का दूध व पानी के बजाए घोटले को दबा कर ज्यों-ज्यों अपनी छवि सुधारने की कोशिश करती है छवि और अधिक धूमिल होती है. अगर सरकार अपनी छवि सुधारना चाहती है तो सरकार को देशहित हेतु न्याय का रास्ता अपनाना चाहिए.
सिरसा 21 सितम्बर 2011.
1.) रामविलास पासवान की LJP ने "लोकपाल संस्था" को अधिकार देने पर यह एक "आतंकवादी संगठन" बन जाएगी कह कर प्रमाणित कर दिया कि LJP राजनैतिक तौर पर दिवालिया व यतीम होने के साथ-साथ मानसिक तौर पर भी दिवालिया व यतीम है. ऐसा कह कर पार्टी नेताओं ने अपने पाप कर्मों के डर को देश के सामने रख दिया. पिछले चुनाव में बिहार की जनता ने इस पार्टी को कोने में लगाया उसकी जितनी तारीफ़ की जाए कम है.        
2.) कांग्रेस का छोटा नेता हो चाहे बड़ा, सभी पूरे देश में भ्रष्टाचार के विरोध में खुल कर बोलते हैं. लेकिन जब देश हित में आदरणीय अन्ना ने जन लोकपाल  की आवाज उठाई तब सबने एक ही बोली बोली " यह लोक्क्तंत्र के लिए खतरा है, अवैध है, अब इसका समय नहीं है " अन्ना को घर से गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. कुछ ऐसा ही BJP कर रही है. भ्रष्टाचार के विरुद्ध खूब बोलती है लेकिन जिन प्रदेशों में BJP का राज है वहन अन्ना के मसौदेनुसार लोकायुक्त नहीं बनाए जा रहे.
3.) IBN-7 के राजदीप सरदेसाई ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री शशि थरूर को : गुणी व विद्वान बता कर साबित कर दिया कि जिस IBN-7 ने IPL को लेकर जो प्रचार शशि थरूर के विरुद्ध किया जिसके कारण उन्हें मंत्री पद त्यागना पड़ा वो न सिर्फ गलत था बल्कि इस चैनल में किसी के गुणों को देखने परखने की आँखे / अक्ल नहीं है.

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