सिरसा 04 सितम्बर 2011.
JDU अध्यक्ष श्री शरद यादव ने महामहिम राष्ट्रपति व राज्यपाल पर जो घिनौनी टिपण्णी करके जो कुछ दिन पहले सांसद में कहा"हमारा तो काम ही पगड़ी उछालना है" के बाद "हमने बड़े बड़ों की पगड़ी उछाली है" का पुख्ता प्रमाण दे दिया. उस समय सांसदों ने मेजें थपथपा कर खुला समर्थन दिया. अजीब विडंबना है कि विशेषाधिकारहनन मामले में जमीन-आसमान एक करने वालों को व उनकी पार्टी को भी इस बार कुछ भी बुरा नहीं लगा. बुरा लगता तो क्या बोलते नहीं ? क्या विशेषाधिकार मात्र सांसदों तक ही सीमित है ?
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