Thursday, September 29, 2011

माननीय बलबीर पुंज जी , उस BJP के कितने रूप हैं जो देश के सामने अन्ना का खुला समर्थन करती है व दूसरी और आप जैसे लोगों को पूज्य अन्ना पर कीचड़ फेंकने की छूट दे रही है ?


सिरसा 30 सितम्बर 2011.
माननीय बलबीर पुंज जी "कांग्रेस की नैतिकता के दो रूप" को आधार बना कर जिस तरह से देश हितैषी आदरणीय व महान अन्ना पर कीचड़ फेंकने की आपकी घिनौनी कौशिश की जितनी निंदा की जाए, लानत भेजी जाए कम है. उस BJP के कितने रूप हैं जो देश के सामने अन्ना का खुला समर्थन करती है व दूसरी और आप जैसे लोगों को पूज्य अन्ना पर कीचड़ फेंकने की छूट दे रही है ? लिखने से पहले अपने गिरेबान में तो झाँक लेते. देश BJP के कितने रूप हैं को जानता है, देख चुका है तथा देख रहा है. बातों से काम नहीं चलेगा सत्य को अपनाना सीखो. अन्ना क्या है BJP के वरिष्ठ नेता श्री शांताकुमार जी से पूछो जो सब कुछ छोड़ कर अन्ना टीम में शामिल होना चाहते हैं.लानत व निंदा सहित , पाठक सिरसा (9255566012)                                                                                               
सिरसा 29 सितम्बर 2011.
देश को सबसे बड़ा खतरा राजनैतिक पार्टियों की उस सोच से है जिसे देशहित को अनदेखा करके सत्ता पक्ष हर तरह से सत्ता में बना रहना व विपक्ष हर तरह से  सत्ता पाना चाहता हो.

Wednesday, September 28, 2011

देश को बताया जाए कि इस पत्र के बारे RTI कार्यकर्ता को किसने जानकारी दी कि पत्र के रूप में PMO में एक घोटाला पड़ा है जानकारी मांगो व धमका कर


सिरसा 28 सितम्बर 2011.
अजीब विडंबना है कि देश के कानून मंत्री कह रहे हैं कि वित्त मंत्रालय से PMO को भेजा गया पत्र बड़ा मुद्दा नहीं है क्योंकि इसे कनिष्ठ अधिकारियों ने भेजा था. लेकिन देश जानना चाहता है कि पत्र भेजने का वास्तविक कारण क्या था ? क्या कनिष्ठ अधिकारियों को खुली छुट है कि वो जब चाहें जो चाहें लिखें और PMO को "इसे वित्त मंत्री जी ने देख लिया है" भेज दे. देश जानना चाहता  है कि सब कनिष्ठ ही सब करते है तो वरिष्ठों का बोझ देश पर क्यों ? अगर दोष अधिकारियों का है तो उनके विरुद्ध कारवाई क्यों नहीं की गई ? विचित्र बात तो यह है कि पत्र 3 साल बाद क्यों लिखा गया ? PMO इस पत्र पर क्यों 6 महीने चुप रहा ? यही नहीं देश को बताया जाए कि इस पत्र के बारे RTI कार्यकर्ता को किसने जानकारी दी कि पत्र के रूप में PMO में एक घोटाला पड़ा है जानकारी मांगो व धमका कर दो. वास्तव में यह मामला अकेले गृह मंत्री के बजाए सामूहिक जिम्मेदारी का है. 
सिरसा 26 सितम्बर 2011.
काले धन पर SIT गठन बारे में जजों के वैचारिक मतभेद से अपने आप ही सरकार को वह मिल गया जो सरकार चाहती थी. तथा देश अपने आप ही उस लाभ से वंचित रह गया जिस लाभ की उसे उम्मीद थी.
सिरसा 24 सितम्बर 2011.
BJP के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व CM हिमाचल प्रदेश श्री शांता कुमार जी के विचार की राजनीति छोड़ कर भ्रष्टाचार के विरुद्ध आन्दोलन हेतु टीम अन्ना में शामिल हो जाना अति उत्तम, पवित्र व समाज देश हितैषी है. जिनकी जितनी तारीफ़ की जाए कम है. इन पवित्र विचारों को तुरन्त समय खोए बिना अपने जीवन में लागू कर लेना चाहिए. आज देश/समाज को शांताकुमार जी जैसे महापुरुषों की जरुरत है.
सिरसा 23 सितम्बर 2011.
2G घोटाले में गृह मंत्री P. चिदम्बरम का नाम आने से इतना तो सशक्त रूप से प्रमाणित हो गया कि "प्रकृति" की चक्की चलती तो धीरे है लेकिन पीसती महीन है. देखते हैं अब गृह मंत्री के बाद किस मगरमच्छ का नम्बर आता है.
सिरसा 22 सितम्बर 2011.
1.) 2G मामले में कांग्रेस व सरकार गृह मंत्री को ठीक A राजा की तरह बचने की कोशिश कर रही है. लेकिन जो हुआ देश दुनिया के सामने है.
2.) विचित्र विडम्बना है कांग्रेस व सरकार प्रथम दृष्टि में में दूध का दूध व पानी के बजाए घोटले को दबा कर ज्यों-ज्यों अपनी छवि सुधारने की कोशिश करती है छवि और अधिक धूमिल होती है. अगर सरकार अपनी छवि सुधारना चाहती है तो सरकार को देशहित हेतु न्याय का रास्ता अपनाना चाहिए.
सिरसा 21 सितम्बर 2011.
1.) रामविलास पासवान की LJP ने "लोकपाल संस्था" को अधिकार देने पर यह एक "आतंकवादी संगठन" बन जाएगी कह कर प्रमाणित कर दिया कि LJP राजनैतिक तौर पर दिवालिया व यतीम होने के साथ-साथ मानसिक तौर पर भी दिवालिया व यतीम है. ऐसा कह कर पार्टी नेताओं ने अपने पाप कर्मों के डर को देश के सामने रख दिया. पिछले चुनाव में बिहार की जनता ने इस पार्टी को कोने में लगाया उसकी जितनी तारीफ़ की जाए कम है.        
2.) कांग्रेस का छोटा नेता हो चाहे बड़ा, सभी पूरे देश में भ्रष्टाचार के विरोध में खुल कर बोलते हैं. लेकिन जब देश हित में आदरणीय अन्ना ने जन लोकपाल  की आवाज उठाई तब सबने एक ही बोली बोली " यह लोक्क्तंत्र के लिए खतरा है, अवैध है, अब इसका समय नहीं है " अन्ना को घर से गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. कुछ ऐसा ही BJP कर रही है. भ्रष्टाचार के विरुद्ध खूब बोलती है लेकिन जिन प्रदेशों में BJP का राज है वहन अन्ना के मसौदेनुसार लोकायुक्त नहीं बनाए जा रहे.
3.) IBN-7 के राजदीप सरदेसाई ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री शशि थरूर को : गुणी व विद्वान बता कर साबित कर दिया कि जिस IBN-7 ने IPL को लेकर जो प्रचार शशि थरूर के विरुद्ध किया जिसके कारण उन्हें मंत्री पद त्यागना पड़ा वो न सिर्फ गलत था बल्कि इस चैनल में किसी के गुणों को देखने परखने की आँखे / अक्ल नहीं है.

Sunday, September 18, 2011


सिरसा 19 सितम्बर 2011.
देश हितैषी आदरणीय अन्ना से खिलवाड़ करने वालों को उपवास करने वाले मोदी व भगेला से समय रहते सबक ले लेना चाहिए कि यह जनता ही है जिसने एक को सत्ता दी वह AC में उपवास कर रहा है. दुसरे से सत्ता छीन कर फुटपाथ पर भेज दिया. वह फुटपाथ पर उपवास को सहारा बनाकर रो रहा है. इस बेचारे को तो पार्टी भी अनदेखा कर रही है. पूर्व CM भगेला हमदर्दी का पात्र बन गया. जो जैसा बोता है वो ही कटता है. भगवान इस पर दया करे.   
सिरसा 18 सितम्बर 2011.
1.) श्री भगेला पूर्व CM गुजरात 3 दिनों के उपवास पर बैठे हैं और कह रहे हैं की कांग्रेस का इस उपवास से कोई लेना-देना नहीं. कांग्रेस डर क्यों रहीं है ?  
2.) "हमारा तो काम ही पगड़ी उछालना है" कहने वाले JDU नेता शरद यादव ने CM मोदी के उपवास को लेकर देश के गरीब लोगों का मजाक यह कह कर उड़ाया कि 80% लोग "भूखे" रह कर रोजाना उपवास करते हैं. लोगों की पगड़ी उछालने वाला देश को बताए कि इन 80% भूखे लोगों में बिहार राज्य के लोग है या नहीं ? अगर है तो यह इस नेता के लिए डूब मारने वाली बात है. क्योंकि बिहार में इनकी पार्टी का ही शासन है.
3.) भ्रष्टाचाररोधी देश हित में जब आदरणीय अन्ना ने अनशन किया तब कांग्रेस व PM सहित मंत्रियों ने उसे लोकतंत्र के लिए खतरा व अवैध बताया. लेकिन आज गुजरात के पूर्व कांग्रेसी CM अनशन देशहित के बजाए "सद्भावना" के विरोध में कर रहे है जो वास्तव में समाज व लोकतन्त्र के हित में नहीं है में भी कांग्रेस व सरकार को अच्छाई दिखाई दे रही है. देश सब देख रहा है. 

Saturday, September 17, 2011


सिरसा 17 सितम्बर 2011.
1.) यह समय का अनोखा चक्र ही तो है कि अन्ना नाम के जिस महापुरुष व उनकी टीम पर कांग्रेस नेताओं/मंत्रियों ने अनेक स्तरहीन आरोप लगाए आज वही कांग्रेस गुजरात CM के 3 दिनों के उपवास के जवाब में 3 दिनों का न सिर्फ उपवास कर रही है बल्कि राजनैतिक ब्र्त्रनी पार करने की मंशा से उसी अन्ना नामक महापुरुष के बयान का सहारा ले रही है. इसे किसका मुखौटा  कहा जाए ? अजीब विडम्बना है एक तरफ कांग्रेस नेता उपवास पर है, वहीं गुजरात विधान सभा के नेता विपक्ष व कांग्रेस नेता उपवास पर कटाक्ष करते हैं कि क्या उपवास करने से आतंकी कसाब के पाप कट सकते हैं ? CM मोदी पर किया गया कटाक्ष क्या कांग्रेस खुद पर लागू नहीं होता ? 
2.) PM कहते हैं "देश की सुरक्षा की स्थिति अनिश्चित है". घोटाले हुए तब कहा गया "हमारी मज़बूरी है." पेट्रोल कीमत बढ़ी तो मंत्री व कांग्रेस नेता कहते है "हमे चिंता है" अगर चिंता से महंगाई कम हो जाए तो कांग्रेस से कहीं ज्यादा चिंता तो देश के उन 80% लोगों को है जिनकी दैनिक आमदनी 20 रूपये से भी कम है. चिंता से महंगाई नहीं, चिंता से चतुराई,गरिमा और ज्ञान (दिमाग) घटता है. देश तो यह सोच कर दुखी है कि 2014 आने में समय बहुत है. कोई बात नहीं 2012 तो जल्दी आएगा. 
सिरसा 16 सितम्बर 2011.
1.) सरकार पहले MLA, MP, मंत्रियों की तनख्वाह व दुसरे लाभों को बढाती है फिर पेट्रोल की कीमत. ताकि देश वासियों की गाडी कमाई पर ऐश करने वालों को कोई परेशानी न होने पाए.लगता है लोकतंत्र को मजबूत करने का सरकार के पास यही सरल व सुगम उपाय है. क्योंकि अन्ना के भ्रष्टाचार रोधी शांतिपूर्ण आन्दोलन को तो सरकार लोकतंत्र के लिए खतरा बता ही चुकी है.   
2.) वोट के बदले नोट काण्ड के आरोपी अमर सिंह की नजदीकी मित्र एवं सांसद जयप्रदा ने कहा है कि अगर श्री अमर सिंह ने मुंह खोल दिया तो बहुत से बड़े-बड़े लोग मुसीबत में फंस जाएंगे. विपक्ष के साथ-साथ खबरिया चैनलों का इतनी बड़ी बात को महत्व न देना आश्चर्यजनक है. 
3.) विजय चोपड़ा साहिब, अजीब विडम्बना है आप अमेरिका को उसके गलत आंकलन बारे समझा रहे हैं वहीं आपका अखबार"अधूरी/अशुद्ध" खबर दे रहा है. ( देखे पेज न. 2 पर छपी ख़बरें ) (i) "बम धमाके सरकार पर धब्बा : चिदंबरम" :- ख़बर E मीडिया के हवाले से दी गई है लेकिन E-मीडिया ने तो ख़बर में गृह मंत्री व गृह मंत्रालय का नाम लिया था. एक मंत्री अपनी या अपने मंत्रालय की गलती को सरकार की गलती है कैसे कह सकता है ? अगर ऐसा होता तो क्या आज राजा के साथ पूरी सरकार जेल में नहीं होती ? (ii)ख़बर में श्री चिदम्बरम को सह अभियुक्त बनाने की याचिका दायर हुई बताया गया है. जबकि E-मीडिया अनुसार याचिका स्वीकार कर ली गई. सुनवाई 26 सितंबर को होगी. चोपड़ा जी अखबार की गरिमा शुद्ध व पूरी ख़बर छापने से होगी न कि राखी सावंत की स्तरहीन मंशा को प्रथम पृष्ठ पर छापने से.      
सिरसा 15 सितम्बर 2011.
1.) भ्रष्टाचार मुद्दे में साख धूमिल करवाने के बाद अब भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने हेतु सरकार जो कर रही है वह " ऊंट के मुंह में जीरा " जैसा ही है. अगर सरकार देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना चाहती है तो अध्यादेश के जरिये " जनलोकपाल " लाए. जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा व सरकार की छवि भी सुधरेगी. 
2.) यह विडंबना ही है कि अन्ना आन्दोलन के चलते BJP की गरिमा में तो गजब की बढोतरी हुई लेकिन उसकी तन्द्रा नहीं टूटी. जिसके चलते छवि पल-पल धूमिल होती जा रही है. कांग्रेस और बीजेपी की भ्रष्टाचार पर एक ही सोच है कि बयान के अतिरिक्त करना कुछ ना पड़े. कहने को तो BJP भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए अन्ना के साथ है लेकिन लोकायुक्त बनाने में कांग्रेस का ही साथ दे रही है. यानी दोनों की कथनी करनी " हाथी के दांतों " जैसी है. 

Wednesday, September 14, 2011


सिरसा 14 सितम्बर 2011.
1.) अजीब विडंबना है देश हित में अन्ना के शांतिपूर्ण आन्दोलन को कांग्रेस मंत्रियों व पार्टी ने अवैध/लोकतंत्र के लिए घातक बताया. लेकिन जो आतंकियों को फांसी न हो की मांग कर रहे हैं या जैसे PM ने CM दिल्ली को शहीद भगत सिंह को फांसी देने वाले मुख्य गवाह शोभा सिंह को सम्मानित करने हेतु पत्र लिखा व देश के गृहमंत्री कह रहे हैं की " आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक नक्सलवाद है ". क्या यह सब वैध है और वास्तव में इनसे लोकतंत्र को कोई खतरा नहीं है ? टीम अन्ना पर बार-बार प्रहार करने वाले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह क्या उपरोक्त बारे देश को अवगत करवाने का कष्ट करंगे ऐसा देश चाहता है.
2.) विजय चोपड़ा जी आपके अखबार में पेज 1 पर छपी ख़बर " आडवाणी की रथ यात्रा पाखण्ड : हजारे " शुद्ध नहीं है. यह ख़बर तोड़ मरोड़ कर छपी गई है जो वास्तव में भ्रमित करने वाली है. आदरणीय अन्ना ने अपने तीनो इंटरव्यूस में मंत्रियों के न ही तो नाम लिए और न ही पाखंड शब्द का प्रयोग किया.   (ii)  पेज 1 पर " सोनिया ने नहीं की PM से मुलाक़ात " ख़बर भी भ्रमित करने वाली है.  चोपड़ा जी, देश दुनिया को उपदेश देने से कहीं ज्यादा अच्छा है शुद्ध ख़बर देना. कृपया इस और भी ध्यान दीजिए.

Tuesday, September 13, 2011


सिरसा 13 सितम्बर 2011.
1.) " वापिस बुलाने का अधिकार " अमेरिका,स्वीटज़रलैंड, कनाडा, ब्रिटिश, कोलंबिया व वेनेजुएला में तो पहले से ही है. भारत के मध्य प्रदेश व छतीसगढ़ में शहरी निकायों पर 2001 से लागू है. फिर MLAs व MPs पर लागू क्यों नहीं किया जाता ? भ्रष्ट लगों को वापिस बुलाने का कानून पर्ण रूप से देश के हित में है. इसे तुरन्त बनाया जाए. अन्ना की मांग देश हित में है.
2.) BJP " वोट के बदले नोट " मामले में कांग्रेस को घेर रही है, PM से त्यागपत्र मांग रही है. आडवाणी जी ने पूरे देश में इस मुद्दे को लेकर रथ यात्रा की घोषणा संसद में करने के साथ-साथ सरकार से स्वयं को गिरफ्तार करने की मांग भी संसद में कर डाली. इन सबके बावजूद आरोपी अमर सिंह के वकील राम जेठमलानी जो BJP के सांसद हैं जिन्हें BJP ने "स्टैंडिंग कमेटी" में भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त कानून बनाने हेतु भेजा ने माननीय कोर्ट में अमर सिंह का पक्ष मजबूत करने हेतु BJP को कटघरे में खड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. लगता है देश के लिए बहुत कुछ अच्छा होगा. क्योंकि जेठमलानी की तरह कांग्रेस के मणिशंकर अय्यर ने भी समय-समय पर कांग्रेस की पोल खोली. देश को सही राय बनाने के लिए प्रकृति मौके दिलवा रही है. हमें प्रकृति की इच्छानुसार चलना चाहिए.
3.) श्रीमान विजय चोपड़ा जी, एक बहुत बड़ी व चौंकाने वाली खबर कि PM ने CM दिल्ली को शहीद भगत सिंह को फांसी लगवाने वाली मुख्य गवाह शोभा सिंह को सम्मानित करने हेतु लिखे पत्र के विरोद्ध में सिरसा में A.I.S.F. ने PM का पुतला फूंका को मुख्य अखबार "पंजाब केसरी" के बजाए "सिरसा केसरी" में छापना आश्चर्य पैदा करता है. इसके अतिरिक्त E-मीडिया भी इस ख़बर बारे चुप है भी आश्चर्यजनक है. वास्तविकता क्या देश से छुपाई जा रही है ?     
सिरसा 12 सितम्बर 2011.    
1.) देश पर राज करने वाली कांग्रेस के महासचिव श्री दिग्विजय सिंह उस अमर सिंह को निर्दोष बता रहे हैं जिस पर "वोट के बदले नोट " मामले में न सिर्फ मुकदमा चल रहा है बल्कि आरोपी तिहाड़ जेल में बंद भी है. यही नहीं वकील सहित आरोपी ने अपनी बीमारी को लेकर माननीय कोर्ट को गुमराह करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी. ऐसे में कांग्रेस नेता आरोपी के बचाव में बयान देकर किसको क्या संदेश देना चाहते हैं ? क्या यह कानूनी कार्य में दखल नहीं है ? कुछ भी हो इतना तो पक्का है जिसे देश मानता भी है कि कांग्रेस नेता का बयान कांग्रेस व सरकार की किरकिरी करने में सक्षम है.   
2.) कांग्रेस व कांग्रेसनीत सरकार बयान तो देती रही है देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के, लेकिन जैसा लेखक M.J. अकबर ने लिखा    " हो गया देश मे आतंकवाद जोखिम मुक्त ".

Sunday, September 11, 2011

श्री केजरीवाल जी को भी एक नोटिस कांग्रेस महासचिव श्री दिग्विजय सिंह को भिजवा देना चाहिए


सिरसा 11 सितम्बर 2011.
आदरणीय देश/समाज हितैषी अन्ना के भ्रष्टाचाररोधी आन्दोलन को माननीय PM व कांग्रेस नेता दिग्विजय का शुभ शगुन/संकेत मानना अपने आप में एक शुभ संकेत/शगुन है. सहयोग ही एक रास्ता है जो देश को भ्रष्टचार मुक्त करवाने की और जाता है. भ्रष्टाचार को मिटाने हेतु देश के पूर्व महामहिम राष्ट्रपति श्री APJ अब्दुल कलाम ने भी देशहित में युवाओं का अहवाह्न किया कि वे इसमें सक्रीय भागीदारी करें. लगता है भविष्य में जो होगा वह देशहित में ही होगा ऐसी हमारी प्रभु चरणों में प्रार्थना है.  
सिरसा 10 सितम्बर 2011.
1.) बिहार सरकार ने भ्रष्ट IAS की कोठी को जब्त करके स्कूल बना दिया. जहाँ कांग्रेस नीत सरकार व पार्टी बार-बार बयान देती है कि वह भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए वचनबद्ध है. वहीं वचनबद्धता का पालन भ्रष्ट नयायाधीश के त्याग पत्र को स्वीकार करके अपनी करनी और कथनी को जग जाहिर कर दिया. इससे पहले आदरणीय अन्ना व उनकी टीम के साथ जो किया उसको देश- दुनिया देख चुकी है.   
2.) आदरणीय श्री अन्ना ने जैसा कानूनी नोटिस कांग्रेस नेता श्री मनीष तिवारी को भिजवाया है ठीक इसी  तर्ज़ पर श्री केजरीवाल जी को भी एक नोटिस कांग्रेस महासचिव श्री दिग्विजय सिंह को भिजवा देना चाहिए. क्योंकि यह तो अब देश के सामने स्पष्ट हो चुका है कि कांग्रेस अदालत के सिवाय किसी को भी महत्व देना नहीं चाहती. यहाँ तक कि भ्रष्ट लोगों के विरुद्ध भी करवाती तब तक नहीं की जाती जब तक अदालत का आदेश नहीं आता

Thursday, September 8, 2011

अन्ना को कांग्रेस ने कहा चुनाव जीत कर आओ, अब जब चुनाव जीत कर आए सदस्यों ने नोट के बदले वोट मामले में बोलना चाहा तो कांग्रेस मंत्रियों व कांग्रेस सदस्यों ने बोलने तक नहीं दिया


सिरसा 09 सितम्बर 2011.
संसद के बाहर भ्रष्टाचार के विरोध में सख्त लोकपाल हेतु आदरणीय अन्ना ने अनशन किया तो कांग्रेस मंत्री व कांग्रेस ने कहा चुनाव जीत कर आओ. अब जब चुनाव जीत कर आए सदस्यों ने नोट के बदले वोट मामले में बोलना चाहा तो कांग्रेस मंत्रियों व कांग्रेस सदस्यों ने बोलने तक नहीं दिया. जाहिर है भ्रष्टाचार मामले में कांग्रेस की दाल में काला नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली है. देश देख रहा है कि बकरे कि माँ कितने दिन खैर मनाती है.

Tuesday, September 6, 2011

लेकिन बदनाम भ्रष्टाचार का विरोध करने वालों को करने पर तुली हुई है जिसे देश समझता है.


सिरसा 07 सितम्बर 2011.
1.) जब-जब कांग्रेस नेता श्री मनीष तिवारी व श्री दिग्विजय सिंह ने अन्ना व अन्ना टीम पर कीचड़ फेंका, दुर्गति कांग्रेस की होने के साथ-साथ अन्ना व उनकी टीम की इज्जत बढ़ी. लोग ज्यादा से ज्यादा जुड़े. हम चाहते है कि कांग्रेस के लोग लगातार ऐसा करते रहे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग कांग्रेस से दूर व अन्ना के साथ जुड़े.   
2.) कैसी विडंबना है ? सरकार सख्त लोकपाल बनाए के लिए अन्ना ने अनशन किया. टकराव सरकार से हुआ, सरकार UPA की है, लेकिन परेशानी सिर्फ कांग्रेस व कांग्रेस मंत्रियों को हुई. जाहिर है दाल में काला है. क्या काला है कांग्रेस व मंत्रियों को देश को बताना चाहिए. अजीब बात है एक तरफ कांग्रेस व सरकार सख्त लोकपाल की बात करती है लेकिन बदनाम भ्रष्टाचार का विरोध करने वालों को करने पर तुली हुई है जिसे देश समझता है. 
3.) क्या देश के डॉक्टर बड़े लोगों का इलाज करने के लायक नहीं है या बड़े लोग इन्हें इस लायक समझते नहीं ? लग तो ऐसा ही रहा है. क्योंकि सरकारी अधिकारी, उद्योगपति, राजनेता, क्रिकेट खिलाड़ी इलाज के लिए विदेश ही जाते है.        

Monday, September 5, 2011

श्री अरविन्द केजरीवाल ने आदरणीय अन्ना के " जन लोकपाल " हेतु देशहित में संघर्ष करके हरियाणा का नाम रोशन किया


सिरसा 06 सितम्बर 2011.
श्री अरविन्द केजरीवाल ने आदरणीय अन्ना के " जन लोकपाल " हेतु देशहित में संघर्ष करके हरियाणा का नाम रोशन किया है की जितनी तारीफ़ की जाए कम है. हरियाणा की ओर से श्री केजरीवाल को बड़ा तोहफा देने का अब सुनहरा मौका आने वाला है. वो सुनहरा मौका है हिसार का संसदीय चुनाव. हमारा अनुरोध है कि इस चुनाव में श्री केजरीवाल को निर्विरोध निर्दलीय सांसद चुन कर लोकसभा में भेजा जाए ताकि भ्रष्टाचार रोधी लड़ाई और अधिक शक्ति के साथ लड़ी जा सके. अगर ऐसा हो जाता है तो यह हरियाणा के नाम को " चार चाँद " लगाने वाला देश में एक अलग व अनूठा इतिहास होगा. सभी दल देश हित में यह फैसला ले. अब चुक गए तो फिर ऐसा मौका शायद ही आए. ऐसा करने से किसी भी पार्टी को नुक्सान नहीं बल्कि फायदा ही होगा.
सिरसा 05 सितम्बर 2011.
कैसी विडंबना है जहाँ J&K के CM कह रहे है उन्हें चुप करवाने का अधिकार केवल उनके राज्य के लोगों को ही है. वहीं हमारे कांग्रेस मंत्री, सांसद व CM उतरप्रदेश सहित सब ने जोर देकर बार-बार कहा कि "जन लोकपाल" लाना है तो पहले चुनाव जीतो, संसद में जाओ और फिर बना लेना " जन लोकपाल ". यह भद्दा मजाक उन लोगों के साथ किया जिन्होंने इन्हें चुनकर भेजा. क्या यह सब देश के "संविधान" में जैसे " Govt. of The People, By The People and For The People " लिखा है के अनुरूप है या देश के "संविधान" का अपमान है ? फैसला देश करे.                                                                                     
  
 
    

Sunday, September 4, 2011

JDU अध्यक्ष श्री शरद यादव ने महामहिम राष्ट्रपति व राज्यपाल पर जो घिनौनी टिपण्णी करके जो कुछ दिन पहले सांसद


सिरसा 04 सितम्बर 2011.
JDU अध्यक्ष श्री शरद यादव ने महामहिम राष्ट्रपति व राज्यपाल पर जो घिनौनी टिपण्णी करके जो कुछ दिन पहले सांसद में कहा"हमारा तो काम ही पगड़ी उछालना है" के बाद "हमने बड़े बड़ों की पगड़ी उछाली है" का पुख्ता प्रमाण दे दिया. उस समय सांसदों ने मेजें थपथपा कर खुला समर्थन दिया. अजीब विडंबना है कि विशेषाधिकारहनन मामले में जमीन-आसमान एक करने वालों को व उनकी पार्टी को भी इस बार कुछ भी बुरा नहीं लगा. बुरा लगता तो क्या बोलते नहीं ? क्या विशेषाधिकार मात्र सांसदों तक ही सीमित है ? 

Saturday, September 3, 2011

भ्रष्टाचार को समाप्त करना व काले धन को वापस लाने हेतु कार्यवाही करना सरकार की जुम्मेदारी व फ़र्ज़ है. लेकिन

सिरसा 03 सितम्बर 2011.भ्रष्टाचार को समाप्त करना व काले धन को वापस लाने हेतु कार्यवाही करना सरकार की जुम्मेदारी व फ़र्ज़ है. लेकिन इसके बजाए सरकार कार्यवाही उन देश व समाज हितैषियों के विरूद्ध कर रही है जो भ्रष्टाचार, कालेधन के विरोध में आवाज़ उठाते हैं, आन्दोलन करते है, धरना देते है या अनशन करते है. सरकार की इस सोच की जितनी निंदा की जाए कम  है.   

सिरसा 02 सितम्बर 2011.
1.) IBN-7 के "एजेंडा" कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार श्री अलोक मेहता ने बड़ी ही बेशर्मी का प्रदर्शन करते हुए अन्ना समर्थन में आए लाखों लोगों को "जनता" नहीं "भीड़" थी कह कर वास्तव में निंदनीय कार्य के साथ-साथ पत्रकारिता का खुल कर दुरूपयोग भी किया.
2.) अजाब विडम्बना है जबसे P.M. की पिछले दिनों हुई प्रेस कांफ्रेंस में 5 पत्रकारों के साथ इसको क्या बुलाया कि उस दिन बाद तो इस महानुभाव के तो बोलने के तौर तरीके पूर्ण रूप से बदल गए. लगता है PMO ने जो इज्जत दी वह श्रीमान जी हजम नहीं कर पाए. यही कारण होगा कि "जनता" को "भीड़" यानी "जानवर" माना जा रहा है. अलोक मेहता की सोच की जितनी निंदा की जाए कम है.      
3.) पूर्व केन्द्रीय मंत्री थरूर ने जो JNU में कहा को ये बाते मंत्री पद त्यागने से पहले उस मीडिया को बतानी चाहिए थी जिसने गंभीर आरोपाधीन मोर्चा खोला. जिसकी बदौलत समझदार व ईमानदार मंत्री को मंत्री पद छोड़ना पड़ा.
4.) अन्ना के विरूद्ध जहर उगलने वालों को यह स्पष्ट समझ लेना चाहिए कि " अब चाहें कांग्रेस रोए या भाजपा, नहीं रुकेगा अन्ना का भ्रष्टाचार के विरूद्ध बजना बाजा "
सिरसा 01 सितम्बर 2011. 
प्रेस एशिया इंटरनेशनलनुसार जब बिहार के एक गाँव के स्कूल में बच्चों से पूछा गया कि उनका सपना क्या है ? तो 9 व 10 साल के बच्चों ने कहा " भर पेट खाना ". इस दयनीय हालात के फ़िक्र के बजाए सत्ताधारी JDU अध्यक्ष शरद यादव व सत्ता में रह चुकी RJD अध्यक्ष लालू यादव को फ़िक्र इस बात का है कि कहीं आदरणीय अन्ना का भ्रष्टाचाररोधी व देश हितैषी " जन लोकपाल " न बन जाए अपने आप में पुख्ता प्रमाण है इन्हें देश व समाज के हित से कोई लेना देना नहीं है. ऐसे लोगों की जितनी निंदा की जाए कम है.              
सिरसा
31 अगस्त 2011.
श्री ओम पूरी व किरण बेदी ने जो देश के लोग बोलते हैं वही बोला को जन प्रतिनिधियों ने विशेषाधिकार हनन माना. लेकिन सांसद श्री शरद यादव ने जो कहा को क्या कहा जाए ? जैसे " हमारा तो काम ही पगड़ी उछालना है ". इसके साथ धर्म गुरु आदरणीय श्री भैयू जी सहित किरण बेदी जी व श्री ओम पूरी का मजाक उड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी जिस पर सांसदों ने मेजें थपथपा कर समर्थन दिया. क्या ऐसा करके सांसदों ने देश व संसद की छवि को धूमिल नहीं किया ? माननीय सांसदों को विशेषाधिकार के साथ जुम्मेदारी की चिंता होती तो 49 साल से लोकपाल व 18 साल से चुनाव सुधार बिल धूल नहीं चाट रहे होते. यही नहीं " बेनामी लेन-देन अधिनियम " 23 साल बाद भी लागू होने की स्थिति में नहीं है. वित्तमंत्रीनुसार लागू करने हेतु 23 साल में जरुरी नियम नहीं बन पाए. सत्र चल रहा है मेजे खाली पड़ी है. क्या यह देश की उस जनता का मजाक नहीं जिसने सांसदों को चुना ?