सिरसा 06 जुलाई 2011.
1.) PM कहते हैं कि वह कमजोर PM नहीं हैं.
2.) मंत्री व कांग्रेस नेता कहते हैं कि देश में समानांतर सरकार नहीं चलने दी जाएगी. केन्द्रीय मंत्री श्री मुरली देवड़ा द्वारा अपना त्यागपत्र ( जैसी खबर आ रही है ) PM के बजाए श्रीमती सोनिया जी गाँधी को सौंपा जाना क्या उपरोक्त दोनों को गलत साबित करने वाला उठाया गया कदम नहीं है ? श्रीमती सोनिया जी को त्यागपत्र देने में हमे कोई ऐतराज नहीं है. लेकिन सिविल सोसाइटी को किसने चुना कह कर देश को गुमराह करने वाले देश को बताए कि त्यागपत्र स्वीकार करने के लिए PM के बजाए श्रीमती सोनिया जी को किसने चुना ?
3.) UP कांग्रेस अध्यक्ष ने यह कह कर कि श्री राहुल गाँधी "मुद्दों" की राजनीति करते है , कांग्रेस नेता दिग्गी राजा सहित सभी नेताओं के साथ-साथ स्वयं की भी पोल खोल दी.
4.) आज पंजाब केसरी हिसार में दो लेखों में " UPA सरकार पर कॉरपोरेट जगत का प्रभाव बढता दिखाई देने लगा है." दुसरे में " PM मनमोहन सिंह के सभी मंत्री किसी न किसी कॉरपोरेटर क्षेत्र से जुड़े हैं. " छपे. ऐसे में लगता है कि सरकार के पास काले धन व भ्रष्टाचार का विरोध करने वालों पर लाठियां बरसाना व अनशन किया तो ऐसा ही होगा की चेतावनी देने के सिवाय अच्छा करने के बयान देने के अतिरिक्त कुछ बचा ही नहीं जिसकी उम्मीद की जा सके.
1.) PM कहते हैं कि वह कमजोर PM नहीं हैं.
2.) मंत्री व कांग्रेस नेता कहते हैं कि देश में समानांतर सरकार नहीं चलने दी जाएगी. केन्द्रीय मंत्री श्री मुरली देवड़ा द्वारा अपना त्यागपत्र ( जैसी खबर आ रही है ) PM के बजाए श्रीमती सोनिया जी गाँधी को सौंपा जाना क्या उपरोक्त दोनों को गलत साबित करने वाला उठाया गया कदम नहीं है ? श्रीमती सोनिया जी को त्यागपत्र देने में हमे कोई ऐतराज नहीं है. लेकिन सिविल सोसाइटी को किसने चुना कह कर देश को गुमराह करने वाले देश को बताए कि त्यागपत्र स्वीकार करने के लिए PM के बजाए श्रीमती सोनिया जी को किसने चुना ?
3.) UP कांग्रेस अध्यक्ष ने यह कह कर कि श्री राहुल गाँधी "मुद्दों" की राजनीति करते है , कांग्रेस नेता दिग्गी राजा सहित सभी नेताओं के साथ-साथ स्वयं की भी पोल खोल दी.
4.) आज पंजाब केसरी हिसार में दो लेखों में " UPA सरकार पर कॉरपोरेट जगत का प्रभाव बढता दिखाई देने लगा है." दुसरे में " PM मनमोहन सिंह के सभी मंत्री किसी न किसी कॉरपोरेटर क्षेत्र से जुड़े हैं. " छपे. ऐसे में लगता है कि सरकार के पास काले धन व भ्रष्टाचार का विरोध करने वालों पर लाठियां बरसाना व अनशन किया तो ऐसा ही होगा की चेतावनी देने के सिवाय अच्छा करने के बयान देने के अतिरिक्त कुछ बचा ही नहीं जिसकी उम्मीद की जा सके.
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