Sunday, August 14, 2011

अब तो देश पूर्णरूप से समझ गया कि वास्तव में अन्ना के शांतिपूर्ण देश हितैषी आन्दोलन का विरोध सरकार के बजाए सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस कर रही है


सिरसा 14 अगस्त 2011. 
1. अब तो देश पूर्णरूप से समझ गया कि वास्तव में अन्ना के शांतिपूर्ण देश हितैषी आन्दोलन का विरोध सरकार के बजाए सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस कर रही है. सरकार कांग्रेस की नहीं UPA की है. कांग्रेस के सिवाए बाकि घटक दल न सिर्फ चुप है बल्कि DMK ने तो अन्ना के बिल का समर्थन तक किया जिसे कांग्रेस ने माना. कांग्रेस को अन्ना के विरोध के बजाए देश की पूर्व PM स्वर्गीय श्रीमती इन्द्र गाँधी के उस " गरीबी हटाओ " नारे को साकार रूप देने के लिए बहुत कुछ करना चाहिए जो 40 साल पहले दिया गया था. 
 
 
2. देश हित हेतु आमरण अनशन करने वाले आदरणीय अन्ना बारे " बोखलाए अन्ना " जैसे गंदे; स्तरहीन व निंदनीय शब्दों का प्रयोग करने वाले चैनल CNEB को जितनी लानत भेजी जाए कम है.
सिरसा 13 अगस्त 2011
अन्ना के देश हितैषी अनशन को अवैध बताने वाले देश के गृहमंत्री व अन्ना पर कटाक्ष करने वाली कांग्रेस अलगाववादी नेताओं की अफजल गुरु को फांसी देने पर जो चेतावनी दी है पर चुप है . यही नही ये तब भी चुप रहे जब महाराष्ट्र के CM ने "CBI; CVC व CAG" को आतंकियों से निपटने में रोड़ा बतलाया. लेकिन कांग्रेस नेता श्री मनीष तिवारी को भ्रष्टाचार उजागर करने पर CAG रिपोर्ट पर इतना गुस्सा आया कि श्रीमान जी ने संसद में सभी से हाथ जोड़ कर प्रार्थना तक कर दी कि अगर " सुप्रीम कोर्ट व CAG " को नहीं रोका गया तो एक दिन संसद की चाबी इन्हें देनी पड़ेगी. जाहिर है कि कांग्रेस व कांग्रेसनीत सरकार माओवाद; भ्रष्टाचार व अलगाववादियों को तो सहन कर सकती है लेकिन सरकार को सरकार का कसूर होने के बावजूद भी जो कटघरे में खड़ा करे को बर्दाश्त नहीं कर सकती. फिर भी कांग्रेस ढोल लोकतंत्र का पीट रही है. 

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