सिरसा 06 अगस्त 2011.
देश भ्रष्टाचार, घोटालों व महंगाई से त्राहि-त्राहि कर रहा है. लेकिन लेखिका कल्याणी शंकर को परेशानी ( जो उनके लेख में स्पष्ट दिखाई दे रही है ) अन्ना के भ्रष्टाचार के विरोध से है. लेखिका ने आदरणीय अन्ना के स्वार्थ रहित समाज हितैषी कार्य को " ब्लैक MAILING " की संज्ञा दे कर वास्तव में अपनी स्वार्थी, स्तरहीन व चाटुकारी सोच को बड़ी सफाई से उजागर किया है के लिए जितनी लानत भेजी जाए कम है. देश हितैषी सेवा में सहयोग के बजाए कांटे बिछाना छी: छी: छी: .
सिरसा 05 अगस्त 2011.
भ्रष्टाचार पर आधारित " देश की जड़े खोखली हो रही है." श्री विजय चोपड़ा का लेख पढ़ा. आज पूरा देश भ्रष्टाचार की आग से जल रहा है. PMO व PM पर उंगलियाँ उठ रही है ; श्रीमती सोनिया गाँधी के पुतले जलाए जा रहे है. ऐसे में मात्र पंजाब को लेकर लिखना " ऊंट के मुह में जीरा " जैसा ही है. लेख में ऊंट के बजाये जीरे के एक दाने को महत्व देना " WITHOUT FAVOUR & WITHOUT FEAR " कि नीति के अनुरूप नहीं है.
No comments:
Post a Comment