सिरसा 16 दिसम्बर 2011.
1.) क्या यह देश का सौभाग्य है कि अनेक दानव समस्याओं से जूझते देश समाज की हालत को अनदेखा करके लोकपाल में आरक्षण हो के लिए 165 सांसद धरने पर है ?
2.) .....अच्छा होता अगर आरक्षण के साथ-साथ सांसद "शक्तिशाली लोकपाल, कालेधन, महंगाई, मिलावटखोरी, जहरीले खाद्य पदार्थों" को भी मांग में शामिल करते. क्या संसद में मांग उठाने की बजाए संसद के बाहार धरना संसद/लोकतंत्र का अपमान नहीं है ?
3.) अजीब विडंबना है बाबा रामदेव द्वारा केंद्र सरकार के मंत्रियों, कांग्रेस के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाना कि काले धन पर चुप रहने के लिए आपार धन का प्रस्ताव किया पर मीडिया चुप है. धन देने के अतिरिक्त बाबा ने अखबार की खबरनुसार जान से मारने का भी आरोप लगाया जैसे गंभीर आरोप पर मीडिया का चुप रहना देश को खल रहा है. मीडिया से सम्बंधित संस्थाएं इस चुप्पी बारे देश को वास्तविक्ता से अवगत करवाने का कष्ट करेंगी ? इस संगीन मामले में वे सभी लोग क्यों चुप है जो मीडिया पर अंकुश की बात होने के साथ-साथ ही हंगामा खड़ा करने में देर नहीं करते ? इस गंभीर मामले को हल्के में लेना अथवा चुप रहना निंदनीय है.
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