Saturday, December 17, 2011

आपका "कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा" लेख "यदि लोकपाल भी भ्रष्ट हो गया तो ..." पढ़ कर लगा आप भी


सिरसा 17 दिसम्बर 2011
सेवा में, कल्याणी जी, [kalyani60@gmail.com],
1.) आपका "कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा" लेख "यदि लोकपाल भी भ्रष्ट हो गया तो ..." पढ़ कर लगा आप भी गृहमंत्री की बराबरी कर रहीं है, शायद यही कारण होगा जो आपने अन्ना के अनशन को जहाँ 11 के बजाए 10 दिसम्बर, वहीं अप्रैल से दिसम्बर के बीच के महीनों को 7 के बजाए 6 लिखा. हम आपकी इस कमजोरी को दूर करने के लिए यही राय देते हैं कि"बुद्धि/यादाश्त" हेतु वो प्रयोग करें जो पूजनीय संत श्री आशाराम जी बापू समय-समय पर बतलाते हैं.
2.).... आपको समझ लेना होगा कि लोकपाल भ्रष्ट होने की आपकी धारणा वैसी ही है जैसे कोई शादी से यह कह कर इनकार करता है कि शादी के बाद तलाक हो गया तो. या कोई सफर करने से इसलिए इनकार करता है कि एक्सिडेंट हो गया तो में मर गया तो आदि. कृपया देश को भ्रमित न करें.

Friday, December 16, 2011

क्या यह देश का सौभाग्य है कि अनेक दानव समस्याओं से जूझते देश समाज की हालत को अनदेखा करके लोकपाल में आरक्षण हो के लिए 165 सांसद धरने पर है ?


सिरसा 16 दिसम्बर 2011.
1.) क्या यह देश का सौभाग्य है कि अनेक दानव समस्याओं से जूझते देश समाज की हालत को अनदेखा करके लोकपाल में आरक्षण हो के लिए 165 सांसद धरने पर है ?
2.) .....अच्छा होता अगर आरक्षण के साथ-साथ सांसद "शक्तिशाली लोकपाल, कालेधन, महंगाई, मिलावटखोरी, जहरीले खाद्य पदार्थों" को भी  मांग में शामिल करते. क्या संसद में मांग उठाने की बजाए संसद के बाहार धरना संसद/लोकतंत्र का अपमान नहीं है ?
3.) अजीब विडंबना है बाबा रामदेव द्वारा केंद्र सरकार के मंत्रियों, कांग्रेस के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाना कि काले धन पर चुप रहने के लिए आपार धन का प्रस्ताव किया पर मीडिया चुप है. धन देने के अतिरिक्त बाबा ने अखबार की खबरनुसार जान से मारने का भी आरोप लगाया जैसे गंभीर आरोप पर मीडिया का चुप रहना देश को खल रहा है. मीडिया से सम्बंधित संस्थाएं इस चुप्पी बारे देश को वास्तविक्ता से अवगत करवाने का कष्ट करेंगी ? इस संगीन मामले में वे सभी लोग क्यों चुप है जो मीडिया पर अंकुश की बात होने के साथ-साथ ही हंगामा खड़ा करने में देर नहीं करते ? इस गंभीर मामले को हल्के में लेना अथवा चुप रहना निंदनीय है.